हिचहाइकिंग (केवल लिफ्ट) से देश-‍दुनिया में कर रहे है, भ्रमण अंश मिश्रा || Ansh Mishra is traveling in the country and the world by hitchhiking (only lift).

 


 भारत के निम्‍न मध्‍यम वर्गीय परिवार में जन्‍मा अंश मिश्रा वर्तमान समय में एक ऐसा व्‍यक्ति हैं, जो देश-दुनिया में हिचहाइकिंग (केवल लिफ्ट) से अभी तक भारत के सभी राज्‍यों, केन्‍द्रशाशित प्रदेश एवं भारत का पहला सहयात्री जिसने 2017 में आधिकारिक तौर पर पूरे भारतीय राष्ट्र में सहयात्री की यात्रा की है, और अब 1 फरवरी 2021 के बाद से अफ्रीका में किसी भी उड़ान का उपयोग किए बिना भूमि सीमा से 54 देशों में एक रिकॉर्ड (यात्रा) हिचहाइकिंग (केवल लिफ्ट) के माध्‍यम से बना रहे है, भारत वापस आए बिना। यह यात्रा 1 फरवरी 2021 से शुरू हुई है, वह केन्या, युगांडा, तंजानिया, रवांडा, बुरुंडी, जाम्बिया, मलावी, मोजाम्बिक जा चुके हैं।

                                                           

 

   वर्तमान में अंश मापुटो, मोजाम्बिक में है और इसी तरह वह अफ्रीका के अन्य देशों को भी कवर करेगा उसका अगला गंतव्य इस्वातिनी, दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना, नामीबिया, अंगोला, डीआरसी कांगो आदि जाने का हैं। आईएम स्थानीय अफ्रीकी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पूरे अफ्रीकी महाद्वीप (सभी 54 देशों) में यात्रा करने के लिए एक मिशन पर है और पूरे अफ्रीका महाद्वीप को केवल भूमि से यात्रा करने का रिकॉर्ड बनाने के लिए तैयार पर हैं।



                  अंश मिश्रा का उद्देश्य लोगों को यह बताना है कि अफ्रीका एक विदेशी देश होने के नाते यात्रा करने के लिए एक सुरक्षित देश है। अफ्रीका विविधता का देश है. इसमें बहुत सारे परिदृश्य हैं और साथ ही साथ इसकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत भी है। दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा महाद्वीप होने के नाते जनजातियों, जानवरों और प्राकृतिक संसाधनों की अनूठी प्रजातियों के साथ-अफ्रीका के पास दुनिया को देने के लिए बहुत कुछ है। अफ्रीकी लोगों की दया और मानवता दिखाने के लिए और दूसरों को यह बताने के लिए कि भाषा कभी भी बाधा नहीं हो सकती है, वह ज्यादातर स्थानीय अफ्रीकियों के साथ रहते हैं. उस क्षेत्र में स्थानीय परिवहन के माध्यम से या पैदल/हिचहाइकिंग/साइकिल से यात्रा करते हैं। 
                             अंश मिश्रा का लक्ष्‍य कुछ बड़ा, कुछ अनोखा हासिल करने के लिए कभी-कभी आपको अपनी जरूरत, अपने जीवन स्तर के साथ समझौता करना पड़ता है।  हर कोई या यहां तक कि कोई भी बिना किसी असफलता या बलिदान के अपने जीवन का सितारा नहीं बन सकता।  लेकिन वह अपने परिवार के सभी सदस्यों का शुक्रगुजार है कि वे हमेशा उसके साथ और सभी फैसलों के साथ खड़े रहते हैं।  लेकिन इस बातों को शेयर करते समय उनके आँखों में आँसू आ जाते हैं।
युवाओं के लिए उनका संदेश-
दूसरे जो करते हैं उसका अनुसरण न करें, बस अपने आंतरिक हृदय और लक्ष्य का                 अनुसरण करें।
किसी की नकल न करें, वास्तविक और अद्वितीय बनें, लोग आपका अनुसरण करें।
अपनी आशा न खोएं क्योंकि मेरा मानना है कि "आशा कभी नहीं मरती"| 



.................................................बिट्टु कुमार सिंह 

                      स्‍त्रोत- अंश मिश्रा (स्‍वयं) 


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